मुस्लिम देशों के नाम के बाद “स्तान” लिखा जाता है लेकिन बांग्लादेश के बाद “देश” क्यों लिखा है? GK In Hindi General Knowledge | स्तान संस्कृत के स्थान शब्द का एक रूप है। इसका मतलब है कि ये आर्य संस्कृति के हिस्से थे। कारण तक्षशिला विश्वविद्यालय ।इसके 1500 किमी वृत्त में आर्य संस्कृति फैल गई थी।सेंट्रल एशिया ईरान यानी आर्य ,,,आइरन,,पर्शियन परशु ,परशुराम ,,लोहा इराक ग्रीस तुर्की तक। धीरे धीरे ह्रास नियम लागू हुआ। आर्य संस्कृति सिमटती चली गई। बांग्लादेश हिन्दू संस्कृति का गढ़ रहा। चटग्राम याने भट्ट ग्राम। भट्ट माने शास्त्रार्थ करने वाला योद्धा। बंगाल का इस्लामीकरण वहाँ के क्रूर इस्लामी राज्य का परिणाम है। बंगाल सिद्ध जनो की भूमि है।
मुस्लिम देशों के नाम के बाद “स्तान” लिखा जाता है लेकिन बांग्लादेश के बाद “देश” क्यों लिखा है?
शेख मुजीब रहमान मतलब ब्राह्मण। इन्हें धर्म बदलने पर सबसे ऊंचा नाम दिया गया। तो उच्च ब्रह्म संस्कृति के कारण संस्कृत भाषा का प्रभाव दिखता है। काजी नजरुल इस्लाम ने किताब लिखी अग्नि विणा। तो इस्लाम की तारीफ करनी चाहिए कि यज्ञ अग्नि को बुझा कर निम्न अरबी संस्कृति को लाद दिया। बंगाली भद्र लोक इस्लाम के सामने घुटने टेक चुका है। तन, मन, ,विचार, और धन गवा चुका है। अब तो कोई ईश्वरीय शक्ति ही बचा सकती है।
बांग्लादेश का निर्माण भाषा के आधार पर हुआ था। पंजाबी लोग शुरू से ही पाकिस्तानी सेना पर हावी रहे हैं और पाकिस्तान के शासकों ने पश्चिमी पाकिस्तान को प्रमुखता दी। प्रशासन में, रोजगार में, सेना में, सिविल नौकरियों में, व्यापार में उनका दबदबा रहा, पाकिस्तान बनने के बाद से ही पंजाबी सभी महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रहे। जबकि भारत का विभाजन क्षेत्र या भाषा के आधार पर नहीं बल्कि धर्म के आधार पर हुआ। पश्चिमी पाकिस्तान के दबंग पाकिस्तानी शासक हावी होते रहे और भाषा के आधार पर बंगालियों, सिंधियों, बलूचों का शोषण शुरू हो गया।
बांग्लास्तान क्यों नहीं बोलते | General Knowledge
उन्हें न तो महत्वपूर्ण पद मिले और न ही उनके अनुपात के अनुसार सत्ता मिली। इन कारणों से पाकिस्तान के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच आपसी दुश्मनी बढ़ती गई और जब पूर्वी पाकिस्तान की महत्वपूर्ण राजनीतिक पार्टी अवामी लीग को चुनावों में पूर्ण बहुमत मिला, तब भी सत्ता नहीं छीनी गई, बल्कि शेख मुजीबुर को जेल में डाल दिया गया और पश्चिमी पाकिस्तान के दबंग पंजाबी मुसलमानों द्वारा उनकी हत्या का प्रयास भी किया गया।
सेना ने बंगालियों की आवाज को दबा दिया और जुल्म शुरू कर दिया। सेना ने उनकी नस्ल बदलने के लिए बलात्कार का आयोजन किया। इससे क्रोधित होकर बांग्लादेशी मुसलमान अपनी पहचान बचाने और अपने ही भाइयों द्वारा अपने धर्म को लूटे जाने से बचाने के प्रयास में उनके अत्याचार के खिलाफ एकजुट हुए। 1971 में भारत की मदद से पाकिस्तान दो भागों में विभाजित हो गया और दोनों भाग, पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान, क्रमशः बांग्लादेश और पाकिस्तान, अलग देश बन गए।
बांग्लादेश में बंगाली भाषा प्रमुख भाषा है जबकि पाकिस्तान पर उर्दू भाषा ने कब्ज़ा कर लिया है। यह अजीब है कि उर्दू पाकिस्तानी हिस्से में रहने वाले वेस्ले लोगों की भाषा नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और शेष भारत से भागकर पाकिस्तान में बसने वाले लोगों की भाषा है। ये भगोड़े मुसलमान पाकिस्तान बनाने के लिए सबसे अधिक आतुर थे और पाकिस्तान बनाने के बाद उन्होंने उस पर अपना आधिपत्य जमा लिया और स्थानीय लोगों के अधिकार छीन लिए और उन पर अपनी सपनों की संस्कृति थोप दी।
GK In Hindi General Knowledge
उस हिस्से की भाषाएँ पंजाबी, सिंधी, बालीची और कश्मीरी हैं। बांग्ला स्थानीय भाषा है और यह पश्चिम बंगाल और पूर्वी पाकिस्तान के भारतीय हिस्से में समान रूप से बोली जाती है। बंगाली संस्कृत से निकली एक सुंदर और मधुर भाषा है और इसने बांग्लादेश के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इसलिए देश शब्द संस्कृत से लिया गया है और बंगालियों ने इसे स्वीकार कर लिया और बंगाली भाषी लोगों के देश को ही अपना अलग निवास स्थान मान लिया और इसका नाम बांग्लादेश रख दिया। 1971 से लेकर आज तक बांग्लादेशी लोग बंगाली बनकर अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करते रहे हैं। घुसपैठ इसलिए भी आसान हो गई है क्योंकि सीमा के दोनों इलाकों के लोगों की शक्ल, बोली और भाषा एक जैसी है, इसलिए उनमें अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
कुछ जगहों पर तो सीमा का ठीक से बंटवारा भी नहीं हुआ है। वोटों के लालच में पहले कांग्रेस, कम्युनिस्ट और अब ममता दी उन्हें संरक्षण दे रही हैं और बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी अवैध रूप से बढ़ रही है। बांग्लादेश के निर्माण के समय पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से पीड़ित होकर 1971 में भारत आए इन बंगालियों को भारतीय नागरिकता भी मिल गई है। लेकिन उसके बाद भी बंगाली आबादी अवैध रूप से भारत में घुस रही है और हर मेट्रो शहर या मुस्लिम बहुल इलाकों में बढ़ती जा रही है।
बांग्ला स्थानीय भाषा है | General Knowledge
अब यह आबादी स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है और भारत सरकार के संसाधनों पर इनका बोझ बढ़ रहा है। लगभग यही स्थिति बर्मा म्यांमार से भागकर भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में बसे रोहिंग्या मुसलमानों की है। इनमें से कई अपराधी हैं और अपराध करते रहते हैं और उन्होंने दूसरे मुस्लिम बहुल इलाकों में अपने ठिकाने बना रखे हैं। वे वोटर कार्ड और आधार कार्ड बनवाकर खुद को भारतीय बता रहे हैं।
GK In Hindi General Knowledge इसका कोई समाधान होना चाहिए, नहीं तो एक दिन भारत में स्थानीय हिंदू और मुसलमान इनके रहमोकरम पर जीएंगे। अब खतरनाक स्थिति असम में है और बांग्लादेश की सीमा से लगे पूर्वी भारतीय राज्य और हरियाणा और दिल्ली के मेवात भी इनसे बुरी तरह प्रभावित हैं। सरकारी संरक्षण ने गलत को और बदतर बना दिया है।