EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी : श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organization ) में अनिवार्य अंशदान के लिए मासिक वेतन सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को लेकर भी इसी तरह का विचार किया जा रहा है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी
फिलहाल EPFO में अनिवार्य अंशदान के लिए मूल वेतन सीमा 15000 रुपये प्रति माह तक है। इसी तरह ईएसआईसी में यह सीमा 21000 रुपये प्रति माह तक है। ईपीएफओ से जुड़ी सीमा को 2014 में 6500 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये प्रति माह किया गया था।
श्रम मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए मंडाविया ने कहा कि मूल वेतन सीमा बढ़ाने से ज्यादा लोग इसके दायरे में आएंगे और भविष्य के लिए बचत कर सकेंगे।
15000 रुपये से ज्यादा वेतन वाले कर्मचारियों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपने वेतन का कितना हिस्सा पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए बचाना चाहते हैं।
EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी
20 से अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों के लिए PF के तहत अंशदान जरूरी है। कानूनी प्रावधानों के तहत 20 से अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों के लिए पीएफ के तहत अंशदान जरूरी है। कर्मचारी के वेतन का कम से कम 12% और इतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा अनिवार्य रूप से भविष्य निधि में जाती है।
यदि मूल वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाई जाती है, तो नियोक्ताओं को अंशदान बढ़ाना होगा। इस पर अनिच्छा हो सकती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को विकल्प दिया जा सकता है कि वे इस सीमा से ऊपर के वेतन से पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए जितना चाहें उतना अंशदान कर सकते हैं।
फिलहाल EPFO श्रेणी से छूट प्राप्त इकाइयों में स्वैच्छिक पीएफ का विकल्प है और अपना स्वयं का पीएफ ट्रस्ट चला रहे हैं।
EPFO 3.0 में कर्मचारियों को मिलेगी बेहतर सुविधा
ईपीएफओ की व्यवस्था में सुधार की बात करते हुए मांडविया ने कहा कि EPFO 3.0 लाना है, जिससे बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। व्यवस्था पुरानी है। डेढ़ महीने में 25% काम हुआ है।
अगले डेढ़ महीने में 35% काम और पूरा हो जाएगा। धीरे-धीरे पूरा सुधार हो जाएगा ताकि EPFO में अंशदान करने वालों को कोई परेशानी न हो।
जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी
मंडाविया ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ाने से जुड़ी रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) की 3 योजनाओं पर मंजूरी के लिए श्रम मंत्रालय जल्द ही अपना प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखेगा। इन योजनाओं की घोषणा आम बजट में की गई थी। इसके तहत अगले दो साल में देश में 2 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करने की बात है।
मंडाविया ने कहा, ‘इन योजनाओं के लिए अलग से व्यवस्था बनाई गई है। इन 3 योजनाओं के लिए ईपीएफओ व्यवस्था भी तैयार है। कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है। EPFO द्वारा इसे जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।’
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