कम समय में पैसा डबल : जोखिम रहित निवेश के लिए किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) एक बेहतरीन विकल्प है, जानें इसमें निवेश करने के क्या हैं फायदे KVP का लॉक-इन पीरियड 30 महीने का होता है । इसके बाद जरूरत पड़ने पर इससे पैसे निकाले जा सकते हैं । इस KVP स्कीम में नॉमिनेशन की सुविधा है । एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को नॉमिनेशन जरूर करना चाहिए । इससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेशक की मौत होने पर नॉमिनी को पैसे मिल जाएं ।
कम समय में पैसा डबल
किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है । किसान विकास पत्र (KVP) उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो निवेश में जोखिम नहीं लेते हैं । यह KVP स्कीम सरकार की है, इसलिए इसमें निवेश करना पूरी तरह से सुरक्षित है । इसमें निवेश का पैसा करीब 124 महीने में दोगुना हो जाता है । कई लोग ऐसे निवेश माध्यम में पैसा लगाना पसंद करते हैं, जिसका शेयर बाजार से कोई संबंध न हो । ऐसे लोग KVP में निवेश कर सकते हैं ।
Kisan Vikas Patra – पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों की शाखाओं में उपलब्ध
किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) दरअसल किसानों के लिए शुरू किया गया था । लेकिन, इसे सभी लोगों के लिए खोल दिया गया । यह एक फिक्स्ड रेट सेविंग स्कीम है । इसका मतलब यह है कि निवेशक इसके रिटर्न का पहले से अंदाजा लगा सकता है । केवीपी में डाकघरों और कुछ बैंक शाखाओं में निवेश किया जा सकता है। इस KVP योजना का उद्देश्य लोगों की बचत का उपयोग करके उन्हें उस पर आकर्षक रिटर्न देना है।
कम समय में पैसा डबल – न्यूनतम निवेश राशि 1000 रुपये
कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) में निवेश कर सकता है। केवल निवासी भारतीय ही केवीपी में निवेश कर सकते हैं। एनआरआई को इसमें निवेश करने की अनुमति नहीं है। न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये हो सकती है। जो लोग इससे अधिक निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यदि कोई व्यक्ति 50,000 रुपये से अधिक निवेश करना चाहता है तो उसके लिए पैन कार्ड आवश्यक होगा। केवाईसी प्रक्रिया के लिए आधार आवश्यक होगा।
30 महीने की KVP लॉक-इन अवधि
केवीपी की लॉक-इन अवधि 30 महीने है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर इसमें से पैसा निकाला जा सकता है। इस योजना में नामांकन की अनुमति है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को नामांकन अवश्य करना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेशक की मृत्यु होने पर नामांकित व्यक्ति को पैसा मिल जाए। बैंक किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) प्रमाणपत्रों को गिरवी रखकर ऋण देते हैं। सरकार समय-समय पर KVP की ब्याज दर की समीक्षा करती है। वर्तमान में इसकी ब्याज दर करीब 7.5 प्रतिशत है।
Kisan Vikas Patra में ब्याज आय कर योग्य है
KVP पर ब्याज आय कर योग्य है। इसे अन्य स्रोतों से आय के तहत निवेशकों की आय में जोड़ा जाता है। फिर निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार इस पर टैक्स लगता है। इसमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80 के तहत कटौती का लाभ नहीं मिलता है। किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra ) की मैच्योरिटी राशि पर टीडीएस लागू नहीं होता है।
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