Employees PF Contribution अगर आप वेतनभोगी वर्ग से हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी। जी हां, सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees Provident Fund Organisation ) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा होने वाली रकम को बढ़ाने पर विचार कर रही है।
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श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया के हवाले से फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। फिलहाल कर्मचारियों के वेतन से हर महीने जो पैसा EPFO और EPS में जमा होता है, उसके बाद उस सीमा को बढ़ाए जाने की उम्मीद है। फिलहाल कर्मचारी भविष्य निधि के तहत 15000 रुपये की सीमा है।
EPFO और EPS में जमा होगा ज्यादा पैसा
पहले यह सीमा 6500 रुपये थी, जिसे आखिरी बार साल 2014 में बढ़ाकर 15000 रुपये किया गया था। तब से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 21000 रुपये करने पर विचार कर रही है।
इसका सीधा मतलब यह है कि कर्मचारी पहले के मुकाबले Employees Provident Fund Organisation और Employees Pension Scheme में ज्यादा पैसा जमा कर सकेंगे। नए नियम के लागू होने के बाद करोड़ों सैलरीड क्लास को इसका फायदा मिलेगा।
इसका असर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन पर भी पड़ेगा। अभी कैसे काम करता है EPFO नियम? अभी अगर किसी कर्मचारी की मासिक सैलरी 15,000 रुपये या इससे ज्यादा है तो कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से 12-12 फीसदी पैसा EPF में जमा करना होता है। लेकिन नियोक्ता का पैसा दो हिस्सों में बंटा होता है।
Employees Provident Fund Organisation
इसमें से 8.33 फीसदी EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है और बाकी 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है। ऐसे में 15,000 रुपये सैलरी पाने वाले कर्मचारी को हर महीने 12 फीसदी यानी 1800 रुपये EPF खाते में जमा करने होंगे।
इसके अलावा आपकी कंपनी भी सैलरी का 12 फीसदी यानी 1800 रुपये जमा करेगी। लेकिन यह पैसा दो हिस्सों में EPF और EPS में बता होगा । इसमें से 1250 रुपये ईपीएस ( EPF ) में और बाकी 550 रुपये ईपीएफ ( EPFO ) में जाते हैं।
क्या होगी EPFO की नई सीमा?
अगर सरकार ईपीएफ में जमा की जाने वाली सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर देती है तो कैलकुलेशन भी बदल जाएगा। 21000 रुपये की सैलरी पर हर महीने 12 फीसदी की दर से 2,520 रुपये पीएफ कटेगा। इसके अलावा कंपनी की ओर से दिए जाने वाले इसी अंशदान में से 771 रुपये EPF Account में और बाकी 1,749 रुपये ईपीएस ( Employees Pension Scheme ) खाते में जमा होंगे।
वेतन सीमा बढ़ाने से क्या फायदा होगा?
अगर कोई कर्मचारी 23 साल की उम्र में ईपीएफ ( EPF ) में पैसा जमा करना शुरू कर देता है और 35 साल तक ऐसा करता रहता है तो 15 हजार रुपये बेसिक सैलरी पर उसे रिटायरमेंट के समय कुल 71.55 लाख रुपये मिलेंगे।
इसमें से 60.84 लाख रुपये सिर्फ ब्याज होगा। जबकि उसके द्वारा जमा की गई रकम 10.71 लाख रुपये है। यह गणना 8.25 फीसदी सालाना ब्याज के आधार पर है। लेकिन अगर सरकार ईपीएफ में जमा पैसे की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर देती है तो कर्मचारी को कुल 1 करोड़ रुपये मिलेंगे।
Employees PF Contribution इसमें से 15 लाख रुपये कर्मचारी खुद जमा करेगा और बाकी 85 लाख रुपये ब्याज होगा। यानी संबंधित कर्मचारी को पहले के मुकाबले 28.45 लाख रुपये ज्यादा मिलेंगे।