बच्चों को जन्म देने के बाद मादा बिच्छू मर क्यों जाती है | जानें GK In Hindi General Knowledge | बिच्छू एक ऐसा जानवर है जो पैदा होते ही अपनी मां को खा जाता है, जिसके कारण वह अपनी मां को देख नहीं पाता है। बिच्छू पैदा होते ही अपनी मां की पीठ से चिपक जाता है और अपनी मां को खाने लगता है क्योंकि इसकी मां का शरीर ही इसका भोजन होता है और यह बिच्छू ( Scorpion ) जब तक जिंदा रहता है तब तक अपनी मां के शरीर को खाता है |
बच्चों को जन्म देने के बाद मादा बिच्छू मर क्यों जाती है | GK In Hindi
जब बिच्छू का पूरा शरीर और मांस खत्म हो जाता है तो यह अपनी मां के पेट से नीचे आ जाता है और स्वतंत्र रूप से अपना जीवन व्यतीत करता है यानी बिच्छू अपनी मां के शरीर को खाकर बड़ा होता है और बड़ा होने के बाद जब यह शरीर का सारा मांस खा लेता है तो यह दूसरी जगह चला जाता है।
बिच्छू ( Scorpion ) के जहर में पाए जाने वाले रसायन को क्लोरोटॉक्सिन कहा जाता है। क्योंकि यह अन्य जीवों की तरह बच्चों को जन्म देने में असमर्थ होता है। बिच्छू के बच्चे पैदा होते ही अपनी मां की पीठ से चिपक जाते हैं और उनकी मां का शरीर ही उनका भोजन बन जाता है। बिच्छू के बच्चे अपनी माँ की पीठ से तब तक चिपके रहते हैं जब तक मादा बिच्छू मर नहीं जाती।
बिच्छू ( Scorpion ) अपनी माँ को क्यों खा जाता है | Samanya Gyan
बिच्छू जानवर जन्म लेते ही अपनी माँ को खा जाते हैं। बिच्छुओं की कई प्रजातियाँ हैं, जिनके बीच का अंतर बहुत मामूली है। ये आमतौर पर गर्म क्षेत्रों में पत्थरों आदि के नीचे छिपे हुए पाए जाते हैं और रात में बाहर निकलते हैं। बिच्छुओं की लगभग 2000 प्रजातियाँ हैं जो न्यूज़ीलैंड और अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के सभी हिस्सों में पाई जाती हैं।
इसके सिर के ऊपर दो आँखें होती हैं। इसके सिर के सामने की तरफ़ दो से पाँच जोड़ी आँखें पाई जाती हैं। बिच्छू ( Scorpion ) आमतौर पर ऐसे इलाकों में रहना पसंद करते हैं जहाँ तापमान 200 से 370 सेंटीग्रेड के बीच रहता है। लेकिन ये बर्फीली ठंड और रेगिस्तानी गर्मी को भी सहन कर सकते हैं।
बिच्छुओं के बारे में रोचक जानकारी | General Knowledge
- बिच्छू एक बार माँ बनती है और फिर मर जाती है
- बिच्छू के बच्चे पेट से बाहर निकलते समय माँ के पेट को फाड़ देते हैं।
- पैदा होने के बाद बिच्छू के बच्चे अपनी माँ के शरीर को खाकर बड़े होते हैं।
- बिच्छू के बच्चे अपनी माँ की पीठ से तब तक चिपके रहते हैं जब तक मादा बिच्छू मर नहीं जाती।
- जब बिच्छू के बच्चे शरीर का सारा मांस खा लेते हैं, तो वे दूसरी जगह चले जाते हैं।
बिच्छू, जो एक मकड़ी है क्योंकि उसके 4 जोड़े पैर होते हैं, सामान्य रूप से 6 दिनों तक अपनी सांस रोक सकता है। लेकिन आर्कटिक क्षेत्र में पाई जाने वाली एक प्रजाति, जिसे छद्म बिच्छू कहा जाता है, 17 दिनों तक अपनी सांस रोक सकती है। ज्ञात हो कि बिच्छू आर्थ्रोपोडा के एराक्निडा वर्ग में आता है।
ऐसा कहा जाता है कि बिच्छू ( Scorpion ) के बच्चे पैदा होते ही अपनी माँ की पीठ से चिपक जाते हैं और उसका शरीर ही उनका भोजन होता है। जब तक बिच्छू ज़िंदा रहता है, तब तक वे बच्चे चिपके रहते हैं, जब उसके शरीर का सारा मांस खत्म हो जाता है और बिच्छू मर जाता है, तब वे बच्चे उसकी पीठ से नीचे उतर आते हैं और स्वतंत्र रूप से रहने लगते हैं। इस तरह के प्रश्न अक्सर GK In Hindi General Knowledge Samanya Gyan के अंतर्गत पूछे जाते है |
बिच्छू के बारे में कुछ और बातें – Interesting Facts About Scorpion
- बिच्छू के बच्चे नरम बाहरी कंकाल के साथ पैदा होते हैं।
- अपने नाजुक शरीर की रक्षा के लिए बिच्छू के बच्चे दस से बीस दिनों तक अपनी माँ की पीठ पर सवार रहते हैं।
- बिच्छू का औसत जीवनकाल 2 से 6 वर्ष होता है।
- बिच्छू के परिपक्व होने में 1 से 3 वर्ष का समय लगता है।
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