रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर, जानिए क्या है कारण | GK In Hindi General Knowledge : आप जब ट्रेन से सफर करते समय आपको स्टेशनों पर या रास्ते में तरह-तरह की चीजें दिखती हैं, जिन्हें देखकर आप सोचते हैं कि रेल परिचालन में इनका क्या उपयोग है ! ऐसा ही एक सवाल लोगों के मन में रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थरों को देखकर आता है ! आखिर इन पत्थरों का क्या उपयोग है ! अगर ये न हों तो ट्रेन चलाने में क्या दिक्कत होगी ! ऐसे ही कुछ सवाल आपके मन में भी आ सकते हैं ! सबसे पहले आपको बता दें कि इन पत्थरों को सामूहिक रूप से ट्रैक बैलास्ट कहा जाता है ! इनके ऊपर पटरियां और स्लीपर बिछाए जाते हैं !
रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर
रेलवे ट्रैक पर नुकीले पत्थर रखने की दो मुख्य वजहें हैं ! पहली ये कि ये पटरियों को टाइट रखते हैं और उन्हें फैलने नहीं देते ! ट्रेन का वजन काफी ज्यादा होता है और फिर इसमें लोगों का वजन भी जुड़ जाता है ! जब ट्रेन इतना वजन लेकर चलती है तो पटरियों में कंपन होता है, जिससे वो धीरे-धीरे फैलने लगती हैं !
यहीं पर ये नुकीले पत्थर काम आते हैं, जो उन्हें टाइट रखते हैं और फैलने से रोकते हैं ! अगर आप सोच रहे हैं कि गोल पत्थरों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता, तो इसका कारण यह है कि ये खुद बहुत फिसलते हैं, जिसकी वजह से इनके लिए पटरियों को स्थिरता प्रदान करना मुश्किल होता है !
रेलवे की पटरियाँ कैसे बिछाई जाती हैं GK In Hindi
रेलवे की पटरी के नीचे कंक्रीट से बनी प्लेटें होती हैं ! इन्हें स्लीपर कहते हैं ! इन स्लीपर के नीचे पत्थर यानी गिट्टी होती है, इसे गिट्टी कहते हैं ! इसके नीचे दो अलग-अलग परतों में मिट्टी होती है ! इन सबके नीचे सामान्य जमीन होती है ! रेलवे की पटरियाँ सामान्य जमीन से थोड़ी ऊँचाई पर होती हैं ! पटरी के नीचे कंक्रीट से बने स्लीपर होते हैं, फिर पत्थर और इसके नीचे मिट्टी होती है ! इन सब चीज़ों की वजह से पटरी सामान्य जमीन से थोड़ी ऊँचाई पर होती है !
रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर , बिछाए जाते हैं नुकीले पत्थर
पटरी पर बिछाई जाने वाली गिट्टी एक खास तरह की होती है ! अगर इन गिट्टियों की जगह गोल पत्थरों का इस्तेमाल किया जाए, तो ये एक-दूसरे से फिसलने लगेंगे और पटरी अपनी जगह से हिल जाएगी ! नुकीले होने की वजह से ये एक-दूसरे पर मजबूत पकड़ बनाते हैं ! जब भी कोई ट्रेन पटरी से गुजरती है, तो ये पत्थर ट्रेन का वजन आसानी से संभाल लेते हैं !
यह काम है गिट्टी का General Knowledge
एक ट्रेन का वजन करीब 10 लाख किलोग्राम होता है ! अकेले ट्रैक इतना वजन नहीं संभाल सकता ! इतनी भारी ट्रेन का वजन संभालने में लोहे की पटरी के साथ कंक्रीट से बने स्लीपर और पत्थर मदद करते हैं ! जिसमें सबसे ज्यादा वजन इन पत्थरों पर होता है ! पत्थरों की वजह से ही कंक्रीट से बने स्लीपर अपनी जगह से हिलते नहीं हैं !
रेलवे ट्रैक पर क्यों बिछाए जाते हैं पत्थर , पटरियों की सुरक्षा करता है
जब ट्रेन ट्रैक पर तेज गति से चलती है तो कंपन पैदा होता है ! इससे पटरियों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है ! कंपन को कम करने और पटरियों को फैलने से रोकने के लिए ट्रैक पर पत्थर बिछाए जाते हैं ! ट्रैक पर बिछाए गए पत्थर कंक्रीट के स्लीपरों को एक जगह स्थिर रहने में मदद करते हैं ! अगर ये पत्थर ट्रैक पर नहीं होंगे तो कंक्रीट से बने स्लीपर एक जगह स्थिर नहीं रहेंगे ! इससे उन्हें ट्रेन का वजन संभालने में भी दिक्कत होगी !
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पटरियों पर गिट्टी बिछाने का एक मकसद पटरियों में जलभराव को रोकना भी है ! जब बारिश का पानी ट्रैक पर गिरता है तो वह गिट्टी के जरिए जमीन में चला जाता है ! इससे पटरियों के बीच जलभराव नहीं होता ! इसके अलावा ट्रैक पर बिछाए गए पत्थर पानी से बहकर नहीं आते !
पेड़-पौधे ना उगेंगे इस लिए डाली जाते है पत्थर
GK In Hindi General Knowledge अगर ट्रैक पर गिट्टी नहीं बिछाई गई तो ट्रैक पर घास और पेड़ उग आएंगे ! इससे ट्रेन को ट्रैक पर चलने में कई तरह की दिक्कतें आएंगी ! इस वजह से भी ट्रैक पर पत्थर रह जाते हैं !
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